By Abhiraj
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यह पहल महिला सशक्तिकरण, आर्थिक सशक्तिकरण और लैंगिक समानता जैसे सरकार के लक्ष्यों पर अधिक केंद्रित है।
यह पहल कृषि और कृषि-प्रबंधन क्षेत्रों में ड्रोन और स्टोन प्रौद्योगिकी को पेश करने की सरकार की पहल के अनुरूप है।
महिलाओं के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए त्रिपुरा के मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. मानिक साहा ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं के लिए ड्रोन प्रशिक्षण की घोषणा की। यह पहल त्रिपुरा में ग्रामीण महिलाओं को कुशल बनने और नवीनतम तकनीकों से अपडेट रहने में सक्षम बनाएगी
।महिलाओं के लिए राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान के उद्घाटन के दौरान, सीएम साहा ने नवीनतम कृषि तकनीकों के बारे में ग्रामीण महिलाओं के बीच जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। इसके अलावा, यह प्रशिक्षण महिलाओं को कृषि में दक्षता बढ़ाने के लिए ड्रोन के संचालन और खेतों पर उर्वरकों के छिड़काव के बारे में सिखाएगा
।महिलाओं के लिए प्रशिक्षण: संस्था द्वारा प्रदान किए जाने वाले अतिरिक्त पाठ्यक्रम
अगरतला के आनंदनगर में स्थित यह संस्थान महिलाओं को महत्वाकांक्षी बनने और वेतनभोगी कर्मचारियों और स्व-रोजगार के रूप में अवसर प्राप्त करने के लिए सशक्त करेगा। इसके अतिरिक्त, शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (CTS) के तहत अंग्रेजी में कॉस्मेटोलॉजी, ड्रेसमेकिंग और सचिवीय अभ्यास जैसे पाठ्यक्रमों की पेशकश करके संस्थान विस्तार करेगा
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यह पहल कृषि और कृषि-प्रबंधन क्षेत्रों में ड्रोन और स्टोन प्रौद्योगिकी को पेश करने की सरकार की पहल के अनुरूप है। सरकार की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए कृषि को समावेशी और गतिशील बनाएगी
।शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (CITS) के तहत कई पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इनमें संस्था द्वारा दी जाने वाली ड्रोन टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग के अलावा कैटरिंग एंड हॉस्पिटैलिटी, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन और ऑफिस मैनेजमेंट जैसे कोर्स शामिल
हैं।तकनीकी प्रशिक्षण के लिए त्रिपुरा सरकार की पहल पर हमारा नज़रिया
यह पहल महिला सशक्तिकरण, आर्थिक सशक्तिकरण और लैंगिक समानता जैसे सरकार के लक्ष्यों पर अधिक केंद्रित है। कृषि में नई तकनीक को अपनाते हुए कार्यबल में लैंगिक अंतर को कम करने पर महत्वपूर्ण जोर दिया
गया है।इस पहल के साथ त्रिपुरा में स्थायी विकास होगा। इसके अतिरिक्त, इससे कृषि क्षेत्र में भी परिवर्तनकारी बदलाव आएगा। कृषि और ग्रामीण समुदायों में भविष्य आशाजनक दिख रहा
है।